Tuesday 6 September 2016
Hindi Story
सार्वभौम चक्रवर्ती सम्राट् होते हुए भी महाराजा अंबरीष भौतिक सुखों से परे थे और सतोगुण के प्रतीक माने जाते थे। एक दिन वे एकादशी व्रत का पारण करने को थे कि महर्षि दुर्वास अपने शिष्यों के सहित वहां पहुंच गए। अंबरीष ने उनसे शिष्यों सहित भोजन ग्रहण करने का निमंत्रण दिया, जिसे दुर्वासा ने स्वीकार कर कहा, 'ठीक है राजन्, हमस सभी यमुना-स्नान करने जाते हैं और उसके बाद प्रसाद ग्रहण करेंगे।'
महर्षि को लौटने में विलंब हो गया और अंबरीष के व्रत-पारण की धड़ी आ पहुंची। राजगुरू ने उन्हें परामर्श दिया कि 'आप तुलसी-दल के साथ जल पीकर पारण कर लें। इससे पारण-विधि भी हो जाएगी और दुर्वासा को भोजन कराने से पूर्व ही पारण कर के पाप से भी बच जाएंगे।' अंबरीष ने जल ग्रहण कर लिया।
दुर्वासा मुनि लौटे तो उन्होंने योगबल से राजन् का पारण जान लिया और इसे अपना अपमान समझकर महर्षि ने क्रोधित होकर अपनी एक जटा नौंची और अंबरीष पर फेंक दी। वह कृत्या नामक राक्षसीबनकर राजन् पर दौड़ी। भगवान विष्णु का सुदर्शन-च्रक, जो राजा अंबरीय की सुरक्षा के लिए वहां तैनात रहता था, दुर्वासा को मारने उनके पीछे दौड़ा। दुर्वासा ने इन्द्र, ब्रहमा और शिव की स्तुति कर उनकी शरण लेनी चाही, लेकिन सभी ने अपनी असमर्थता जतायी। लाचार होकर वे शेषशायी विष्णु की शरण गए, जिनका सुदर्शन-चक्र अभी भी मुनि का पीछा कर रहा था। भगवान विष्णु ने भी यह कहकर विवशता जताई कि मैं तो स्वयं भक्तों के वश में हूं। तुम्हें भक्त अंबरीष की ही शरण में जाना चाहिए, जिसे निर्दोष होते हुए भी तुमने क्रोधवश प्रताड़ित किया है। हारकर क्रोधी दुर्वासा को राजा अंबरीष की शरण में जाना पड़ा। राजा ने उनका चरण-स्पर्श किया और सुदर्शन-च्रक लौट गया।
तात्पर्य यह है कि क्रोध ऐसा तमोगुण है जिसका धारणकर्ता दूसरों के सम्मान का अधिकारी नहीं रह जाता, यहां तक कि भगवान् भी उसे अपनी शरण नहीं देते।
Monday 5 September 2016
Incredible Love Story
एक दिन आदमी को उसकी पत्नी ने, जिसके बहोत लम्बे बाल थे उसने उसके लिए एक कंघा खरीदने के लिए कहा ताकि वो अपने बालो की अच्छे से देखभाल कर सके.
उस आदमी ने
अपनी बीवी
से माफ़ी
मांगी और
कंघी लेने
से मना
कर दिया.
उसने समझाया
की उसके
पास अभी
उसकी टूटी
हुई घडी
का पट्टा
बिठाने के
भी पैसे
नहीं है.
लेकिन फिर
भी उसकी
पत्नी जिद
पर अडी
रही.
गुस्से में
वह इंसान काम पर जाने के लिए निकाल गया और जाते-जाते अचानक रास्ते में उसकी नजर एक
घडी की दुकान पर पड़ी, उसने सोचा की वह उस दूकान पर अपनी घडी बेच देगा और उसकी पत्नी
के लिए कंघा लेकर जायेंगा.
शाम में वो अपने हातो
में कंघी लेकर अपने घर आया, पत्नी
को कंघी देने ही लगा
लेकिन अचानक अपने पत्नी को देखकर वह
आश्चर्यचकित हो गया, क्यूकी
उसने अपनी पत्नी को शोर्ट-हेयर
(कम बालो) में देख लिया था.
उसने अपने बालो को बेचकर अपने
पति की घडी के
लिए नया पट्टा ख़रीदा था.
एक दुसरे के
प्रति गहरा प्यार देखते हुए अचानक दोनों के आखो से
आसू निकलने लगे, ये आसू उनकी
ख्वाइश पूरी होने के वजह से
नहीं बल्कि उनके एक-दूजे के
लिए प्यार को देखकर थे.
Saturday 3 September 2016
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