ओम जय! मच्छर देवा,
स्वामी जय! मच्छर देवा,
स्वामी जय! मच्छर देवा,
रात को सोने ना दो तुम,
काट-काट करते हो बेहाल तुम,
खून पियों सबका,
ओम जय! मच्छर देवा!
काट-काट करते हो बेहाल तुम,
खून पियों सबका,
ओम जय! मच्छर देवा!
मलेरिया एवं डेंगू के तुम हो दाता,
किसी का निद्रा-सुख तुम्हे ना भाता,
राग सुनाते हो ऐसा,
ओम जय! मच्छर देवा!
किसी का निद्रा-सुख तुम्हे ना भाता,
राग सुनाते हो ऐसा,
ओम जय! मच्छर देवा!
2)"ज़ख़्म देकर फिर गुनगुनाते हो,
.
.
.
मच्छरों वाली ये अदा सीखी कहाँ से "
.
.
.
मच्छरों वाली ये अदा सीखी कहाँ से "