एक बार पठान की बिल्डिंग में आग लग गयी।
फायरमैन(पठान से): तुम ऊपर से कूद जाओ, हम तुम्हें इस जाल में पकड़ लेंगे।
पठान: नहीं, मुझे तुम लोगों पर भरोसा नहीं है। जाल को ज़मीन पर बिछा दो।
फायरमैन(पठान से): तुम ऊपर से कूद जाओ, हम तुम्हें इस जाल में पकड़ लेंगे।
पठान: नहीं, मुझे तुम लोगों पर भरोसा नहीं है। जाल को ज़मीन पर बिछा दो।
2) पठान: मैं मरने के बाद अपना दिमाग हॉस्पिटल में दान करना चाहता हूँ।
सिंधी: हाँ सही है। तुम्हारा दिमाग उनके बहुत काम आएगा।
पठान: वो कैसे?
सिंधी: डॉक्टरों को भी पता चल जायेगा कि जो दिमाग कभी इस्तेमाल ही नहीं हुआ वो कैसा होता है।
सिंधी: हाँ सही है। तुम्हारा दिमाग उनके बहुत काम आएगा।
पठान: वो कैसे?
सिंधी: डॉक्टरों को भी पता चल जायेगा कि जो दिमाग कभी इस्तेमाल ही नहीं हुआ वो कैसा होता है।
No comments:
Post a Comment