पठान के तलाक़ का मुक़दमा अदालत में चल रहा था।
जज: मैंने इस मुक़दमे के बारे में यह फैंसला किया है कि तुम्हारी बेगम को हर महीने 20,000 रुपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे।
जज: मैंने इस मुक़दमे के बारे में यह फैंसला किया है कि तुम्हारी बेगम को हर महीने 20,000 रुपये मुआवजे के तौर पर मिलेंगे।
पठान: बहुत-बहुत मेहरबानी जज साहब, और हाँ कभी-कभी मेरे पास पैसे होंगे तो मैं भी थोड़े पैसे दे दिया करूँगा।
2) सिंधी: तुम आज ये पार्टी क्यों दे रहे हो?
पठान: ओये मेरा स्कूटर ग़ुम हो गया है इसलिए।
सिंधी: अरे स्कूटर ग़ुम होने में कौन सी ख़ुशी की बात है?
पठान: अरे ख़ुशी की तो बात है, सोचो अगर स्कूटर पर मैं बैठा होता तो मैं भी ना गुम हो जाता।
पठान: ओये मेरा स्कूटर ग़ुम हो गया है इसलिए।
सिंधी: अरे स्कूटर ग़ुम होने में कौन सी ख़ुशी की बात है?
पठान: अरे ख़ुशी की तो बात है, सोचो अगर स्कूटर पर मैं बैठा होता तो मैं भी ना गुम हो जाता।
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