"छोटू की शादी नहीं हो रही थी तो वो अजमेर मन्नत मांगने गया और अपनी माँ को साथ ले गया…
वहाँ अचानक उसकी माँ गुम हो गयी…
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छोटू हाथ उठा कर बोला…
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छोटू हाथ उठा कर बोला…
“या खुदा…!! ये कैसी तेरी ख़ुदाई….
अपनी तो मिली नहीं, अब्बा की भी गंवाई…!!”
अपनी तो मिली नहीं, अब्बा की भी गंवाई…!!”
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"जज – घर में मालिक के रहते हुए तुमने चोरी केसे की?.
पप्पू — जज साहब आपकी अच्छी नौकरी है
अच्छी तनख्वाह है,
आप ये सब सीख कर क्या करोगे"
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