संता- मेरे दादा ने 1857 की जंग में दुश्मनों की टांगें काट दी थीं।
बंता- गर्दनें क्यों नहीं काटीं?
संता- वे पहले ही कट चुकी थीं।
2) संता की प्रेमिका मर गई। संता उससे लिपट कर रोए जा रहा था, बहुत देर बाद
प्रेमिका की लाश उठकर बोली-ले तू मर जा पहले, कमीना उपर ही चढ़ा जा रहा है इतनी गरमी में।
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