एक चोर अमीर आदमी के घर में चोरी करने गया !
तिजोरी पर लिखा था तिजोरी को तोड़ने की जरूरत नहीं है , 452 नंबर प्रेस करके सामने वाला लाल बटन दबाओ!
जैसे ही बटन दबा अलार्म बजा और पुलिस आ गयी !
जाते जाते चोर सेठ से बोला : आज मेरा इंसानियत से विश्वास उठ गया है !
तिजोरी पर लिखा था तिजोरी को तोड़ने की जरूरत नहीं है , 452 नंबर प्रेस करके सामने वाला लाल बटन दबाओ!
जैसे ही बटन दबा अलार्म बजा और पुलिस आ गयी !
जाते जाते चोर सेठ से बोला : आज मेरा इंसानियत से विश्वास उठ गया है !
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संता(बंता से): उफ, ये पत्नियां हमें जीने भी नहीं देती…!!
बंता (ठंड़ी आह भरते हुए): हां और व्रत पर व्रत रखकर मरने भी नहीं देती…..
बंता (ठंड़ी आह भरते हुए): हां और व्रत पर व्रत रखकर मरने भी नहीं देती…..
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संता के घर कुछ मेहमान आने वाले थे.
संता (पत्नी से): अरे, मेहमानों के आने का समय हो गया है, अभी तक तुमने घर में झाड़ू नहीं लगाई.
पत्नी: आप भी ना, इतने बड़े हो गए हो, मगर आपकी भूलने की आदत नहीं छूटी.
संता (आश्चर्य से): मेरी भूलने की आदत!
पत्नी (अपनी बात पर जोर देते हुए): हां-हां, आपकी भूलने की आदत. क्या आपने यह नहीं कहा था कि आपके रहते मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं.
संता (पत्नी से): अरे, मेहमानों के आने का समय हो गया है, अभी तक तुमने घर में झाड़ू नहीं लगाई.
पत्नी: आप भी ना, इतने बड़े हो गए हो, मगर आपकी भूलने की आदत नहीं छूटी.
संता (आश्चर्य से): मेरी भूलने की आदत!
पत्नी (अपनी बात पर जोर देते हुए): हां-हां, आपकी भूलने की आदत. क्या आपने यह नहीं कहा था कि आपके रहते मुझे चिंता करने की जरूरत नहीं.
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